नई दिल्ली : शनिवार, फरवरी 8, 2025/ 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का शुक्रवार को सूरजकुंड, जिला फरीदाबाद में भव्य स्तर पर उद्घाटन किया गया। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, विरासत और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल, सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा) मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री राजेश नागर और खेल राज्य मंत्री ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया।
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारत और दुनिया भर के कारीगरों और कलाकारों की असाधारण कला, शिल्प कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, कि भारत वर्तमान में दो प्रमुख कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है, जो विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ये हैं महाकुंभ मेला और सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला, जो भारत की एकता, संस्कृति और कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सूरजकुंड मेला शिल्प के लिए महज़ एक बाजार नहीं है, बल्कि शिल्पकारों और कारीगरों के लिए अपने प्राचीन कौशल को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की जो कल्पना करते हैं, वह इस मेले के माध्यम से साकार हो रही है।
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने पिछले एक दशक में गरीबी और अल्प विकास की अपनी पुरानी छवि को बदल दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जमीनी स्तर पर तमाम कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने आगे कहा कि सांस्कृतिक और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को अब औपचारिक रूप से दुनिया भर में “ऑरेंज इकोनॉमी” के रूप में मान्यता मिली है। शेखावत ने उम्मीद जताई कि सूरजकुंड मेला भारतीय कारीगरों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में नए अवसर खोजने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा दोनों में वृद्धि के साथ भारत का पर्यटन उद्योग नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली से नज़दीक होने के कारण हरियाणा को काफी फायदा है और इसमें एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) पर्यटन का केंद्र बनने की क्षमता है। राज्य को इस अवसर का भरपूर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग के ज़रिए सूरजकुंड मेले की पहुंच को और बढ़ाने का भी सुझाव दिया। मेले को कवर करने के लिए यूट्यूबर्स, फ़ोटोग्राफ़रों और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसरों के इसमें शामिल होने से इसकी वैश्विक अपील में खासी वृद्धि हो सकती है और कारीगरों को नए व्यावसायिक अवसर प्रदान हो सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अगले 25 सालों में एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरेगा और उन्होंने युवा पीढ़ी से देश की प्रगति में योगदान देने में गर्व महसूस करने की अपील की। सूरजकुंड मेला भारत की सांस्कृतिक पहचान और वैश्विक भाईचारे का प्रतिबिंब है।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सूरजकुंड और आज से शुरू हुआ अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश का एक अनूठा प्रतीक बन गया है। यह मेला ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के लोकाचार का उदाहरण है और दुनिया को भारतीय शिल्प और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
उन्होंने इस भव्य आयोजन के सफल आयोजन के लिए हरियाणा पर्यटन विभाग, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय एवं विदेश मंत्रालय तथा सूरजकुंड मेला प्राधिकरण को सफलतापूर्वक ये मेला आयोजित करने के लिए शुभकामनाएं दीं।