भोपाल : रविवार, दिसम्बर 22, 2024/ मध्य प्रदेश विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने आज पत्रकार वार्ता में कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयकर विभाग और लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाहियों में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इन कार्यवाहियों में प्रमुखता से राजेश शर्मा और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस का गठजोड़ उजागर हुआ है। विभिन्न बेनामी संपत्तियों और संदिग्ध वित्तीय व्यापारिक संबंधों का खुलासा हुआ है, जिनकी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध तथ्यों से स्पष्ट होती है। आयकर विभाग ने जो कार्यवाही की है, उसमें करोड़ों की अघोषित संपत्तियां और धनराशि का पता चला है। यह स्थिति न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राज्य के उच्च पदों पर बैठे लोग किस प्रकार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
इसके अतिरिक्त, परिवहन विभाग के आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त और आयकर विभाग द्वारा की गई संयुक्त कार्यवाही में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और नकदी जप्त की गई है। इस कार्यवाही में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जो प्रदेश में प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और ईमानदारी पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
इन कार्यवाहियों के बाद, मैं सरकार और संबंधित एजेंसियों से कुछ महत्वपूर्ण मांगें और प्रश्न रखना चाहता हूं, जिनके उत्तर, प्रदेश की जनता को मिलना आवश्यक है। मैं मीडिया के माध्यम से इन मुद्दों को सार्वजनिक कर रहा हूं ताकि शासन और प्रशासन इन पर स्पष्टता प्रदान करें। इसके साथ ही, मैं जनता को कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से भी अवगत कराना चाहता हूं, जिनका विवरण इस प्रेस नोट के साथ संलग्न है।
वायदा काला धन लाने का था किन्तु ले आये पीला धन। भाजपा सरकार में बदलाव आया कि पहले गिनने के लिये मशीनें लानी पडती थी किन्तु अब तराजू ले जाना पडती है सोना तौलने के लिये।
1. एक सौरभ शर्मा का सच तो सामने आ गया परंतु वर्तमान में व्यवस्था को चलाने वाला दूसरा सौरभ कौन है उसका सच कब सामने आएगा ?
2. पूरे प्रकरण में वर्तमान परिवहन मंत्री, उनके स्टाफ की संलिप्तता की भी जाँच होनी चाहिये क्योंकि मेरे सूत्रों द्वारा यह जानकारी उपलब्ध करायी गयी है कि ये आज भी कुछ परिवहन नाकों को गौरव पाराशर एवं हेमन्त जाटव के नाम से संचालित कर रहा है।
3. परिवहन विभाग में किन्ही तुभराम एवं बघेल और ऐसे अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जॉच होनी चाहिये और सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इनमें से किसी के घर पूर्व में हुई कार्यवाही में प्रोपर्टी राजसात करने की कार्यवाही हुई थी किन्तु अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो क्यों ?
4. सौरभ शर्मा तो एक छोटी मछली। असली मगर मच्छों, जिनके संरक्षण में यह काम कर रहा था उनका खुलासा कब करेगी सरकार ।
5. लोकायुक्त की कार्यवाही के बीच 52 किलोग्राम सोना किसने वाहन में रखा और वाहन कैसे शहर की गलियों से होकर सुनसान में फार्महाउस तक पहुँच गया? कार्यवाही शुरू होने के बाद से सोना मिलने तक के शहर में जगह-जगह लगी सीसीटीव्ही कैमरा के फुटेज चैक किये जाने चाहिये इससे कार्यवाही करने वाले अधिकारियों की ईमानदारी का भी पता चल जायेगा। जप्ती प्रकिया की संपूर्ण वीडियोग्राफी को भी जांच में शामिल कर न्यायालय में पेश किया जाना चाहिये।
6. पूर्व एवं वर्तमान मंत्री एवं उनके परिजनों व मित्रों की सम्पत्ति की जाँच कब शुरू होगी ?
7. सौरभ शर्मा ने दिनाक 19.10.2016 को नौकरी ज्वाईन की थी और दिनांक 10.06.2023 को त्यागपत्र दे दिया था इन साढे छः वर्षों में इसने कई सौ करोडों की सम्पत्ति भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित की. तो इस अनुपात में संबंधित नाकों के आरटीआई एवं अन्य अधिकारियों द्वारा कितनी सम्पत्ति अर्जित की गई होगी? यह जॉच कब होगी
8. सौरभ शर्मा के विभाग में आने से पहले इस व्यवस्था को कौन संचालित कर रहा था उस व्यक्ति की भी सम्पत्ति की जाँच की जानी चाहिये।
9. जॉच इस बात की भी होनी चाहिये कि सौरभ के पास केवल उसकी काली कमाई थी या राजनेताओं, अधिकारियों और काली कमाई का कारोबार करने वाले धन्नासेठों की सम्पत्तियां उसके माध्यम से दुबई जैसे देश में अवैध रूप से निवेश की गई थी।
10. केन्द्रीय विमानन मंत्रालय से यह जानकारी भी एकत्रित की जानी चाहिये कि परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कितने वार विदेश यात्राएं की हैं और कितनी वार उन्होंने विभाग से अनुमति ली और उनके पास यह पैसा कहां से आया और विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के बच्चे विदेशों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
11. परिवहन निरीक्षकों को विभाग में वर्ष 2011 के बाद से अन्य विभागों की तरह उच्च पद पर पदनाम, पदोन्नति क्यों नहीं दी गई? क्यों यह परिवहन निरीक्षक उप परिवहन अधिकारी बनने को तैयार नहीं है ?
क्या राजेश शर्मा सिर्फ मुखोटा, इकबाल सिंह बैस की बेनामी संपत्ति ??
राजेश शर्मा के यहां हाल ही में आयकर का छापा पड़ा जिसमें भारी मात्रा में संपत्ति मिली है। गौर करने वाली बात है कि राजेश शर्मा एक मामूली आदमी होते हुए भी अल्प समय में आय के अनुपात से कई गुना अधिक धन अर्जित कर चुके हैं। राजेश शर्मा और इकबाल सिंह बैस के नजदीकी रिश्ते किसी से छुपे नहीं हैं और पूर्व मुख्य सचिव भी राजेश शर्मा के लिये नियमों को ताक पर रखकर अवैध व्यापार / कारोबार में पूर्ण सहयोग करते थे।
उदाहरण के तौर पर बैस के संरक्षण में राजेश शर्मा को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिये Central Park नामक Project में Bhopal Master Plan से भी छेड़छाड़ की। भोपाल न सिर्फ मध्य प्रदेश की राजधानी है बल्कि सबसे सुन्दर शहरों में शुमार है और भोपाल झीलों के शहर के नाम से भी पहचाना जाता है। एक तरफ भोपाल झील के संरक्षण के लिये सरकार, N.G.T., पर्यावरण विभाग प्रयासरत है वहीं दूसरी तरफ भोपाल झील से मात्र 40-50 मीटर दूर Central Park Project के अन्तर्गत ग्राम सेवनिया गौड में अवैध निर्माण कार्य चल रहा है। क्योंकि स्वयं इकबाल सिंह बैस एवं उनके परिवार की बेसकीमती भूमि ग्राम सेवनिया गौड में पूर्व में खरीदी गई है। और इस बात की जांच होना अत्यन्त आवश्यक है। क्या इस प्रोजेक्ट में इकबाल सिंह बैस और राजेश शर्मा का काला धन भी लगा है ?
इकबाल सिंह बैस और राजेश शर्मा का व्यापारिक गठजोड़ इस बात से स्पष्ट है कि Central Park नामक Project में राजेश शर्मा और कुणाल बिल्डर्स जॉइंट बेंचर्स (ग्राम सेवनियां गौड़) के माध्यम से कार्य कर रहे है और उसी ग्राम में बैस और उनके परिवार के लोगों की संपत्तियां ली गई थी। गौर करने वाली बात है कि जैसे ही राजेश शर्मा द्वारा जॉइंट बेंचर्स प्रारंभ किया गया एक महीने के अन्दर प्लॉटिंग हेतु समस्त अनुज्ञायें मात्र एक माह में प्राप्त हो गई और उक्त प्रोजेक्ट से सटे हिस्से में ग्रीन बेल्ट की भूमि को नियमविरुद्ध तरीके से मास्टर प्लान में छेड़छाड़ करके कम दर्शाया गया साथ ही Low Density के लिये निर्धारित F.A.R. के नियमों का भी स्पष्ट उल्लंघन कर करोड़ो अरबों रुपये का बेसकीमती Central Park Project चालू कराया गया। यह सब इकबाल सिंह बैस के दबाब एवं संरक्षण में कराया गया।
ऐसे इकबाल सिंह बैस के कई ओर भी भ्रष्टाचार के कारनामों को आने वाले समय में तथ्यों के साथ उजागर किया जायेगा, शीघ्र ही ED, Income Tax, CBI को पत्र लिखकर समस्त जानकारी प्रेषित करूंगा एवं PMO एवं राज्य सरकार से न्यायायिक जॉच की मांग की जायेगी।