हॉर्नबिल महोत्सव की रजत जयंती: परंपरा, एकता एवं संस्कृति के 25 वर्षों का उत्सव

नई दिल्ली : शनिवार, दिसम्बर 7, 2024/ जनजातीय कार्य मंत्रालय देश के जनजातीय समुदायों की जीवंत कला, संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देकर उन्हें सशक्त बनाने के अपने मिशन में अडिग है। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इस प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए हॉर्नबिल महोत्सव के 25वें संस्करण के लिए “टीआरआई को सहयोग” योजना के अंतर्गत सांकेतिक वित्तीय अनुदान स्वीकृत किया है, जो इसके इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नागालैंड में प्रतिवर्ष 1 से 10 दिसंबर तक आयोजित होने वाले हॉर्नबिल महोत्सव को अक्सर “त्योहारों का उत्सव” कहा जाता है और यह राज्य की सांस्कृतिक विविधता का एक भव्य समारोह है। नागालैंड की लोक-कथाओं के अनुसार पूजनीय पक्षी हॉर्नबिल के नाम पर मनाया जाने वाला यह महोत्सव राज्य के विभिन्न जातीय समूहों को उनकी साझा परंपराओं और रीति-रिवाजों को मनाने के लिए एकजुट करता है।

हॉर्नबिल महोत्सव वर्ष 2000 में अपनी शुरुआत के बाद से ही नागालैंड के सांस्कृतिक कैलेंडर का आधार रहा है, जो एक ऐसे राज्य की परंपराओं को उजागर करता है, जहां पर 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर करती है। राज्य की राजधानी से 12 किलोमीटर दूर किसामा स्थित नागा हेरिटेज गांव में मनाया जाने वाला यह उत्सव परंपराओं का अनूठा मिश्रण प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही यह समुदाय और एकता के महत्व को भी रेखांकित करता है।

“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में जनजातीय कार्य मंत्रालय इस प्रतिष्ठित महोत्सव को बढ़ावा देने पर करने पर गर्व अनुभव करता है। यह न केवल नागालैंड की समृद्ध विरासत का उत्सव मनाता है, बल्कि इसकी जनजातियों के बीच एकता के बंधन को भी सशक्त करता है।”

हॉर्नबिल महोत्सव नागालैंड के संगीत, नृत्य, कला और व्यंजनों का एक जीवंत मिश्रण है, जो आगंतुकों को एक गहन सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव विभु नायर ने इस महोत्सव के सांस्कृतिक महत्व पर कहा “हॉर्नबिल महोत्सव एक उत्सव से कहीं अधिक है – यह नागालैंड की जीवंत सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने और संरक्षित करने के साथ-साथ इसके लोगों में एकता एवं गौरव को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।”

हॉर्नबिल महोत्सव अब अपने 25वें वर्ष में है और यह घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है, जो नागालैंड की सांस्कृतिक संपदा का अनुभव करने के साथ-साथ इसकी परंपराओं को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।

यह रजत जयंती समारोह नागालैंड की चिरस्थायी सांस्कृतिक जीवंतता और जनजातीय सशक्तिकरण एवं विरासत संरक्षण के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण सिद्ध होगा।

 

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