वित्त मंत्रालय की ओर से चुनिंदा 54 उत्पादों पर मॉनिटरिंग की जा रही है – निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली : रविवार, अक्टूबर 19, 2025/ केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण; केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल; और केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को नई दिल्ली में जीएसटी बचत उत्सव पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

अपने उद्घाटन भाषण में, निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से घोषणा की थी कि दिवाली से पहले अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू कर दिए जाएंगे। सीतारमण ने कहा, “इसके अनुसार, टैक्स दरों में कमी, प्रक्रियाओं का सरलीकरण, टैक्स स्लैब की संख्या चार से घटाकर दो करना और वर्गीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है। अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो गए और मुझे लगता है कि भारत की जनता ने इसका भरपूर स्वागत किया है।”

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “हमने जीएसटी की दिशा तय की और उसे लागू भी किया। विपक्ष न तो जीएसटी लेकर आया और न ही इसे लागू करने की हिम्मत जुटाई। आज हम जो कर रहे हैं, वह कोई सुधार नहीं, बल्कि एक जागरूक निर्णय है – जो लोगों को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार और जीएसटी परिषद् के बीच सहयोग का प्रतीक है।” सीतारमण ने कहा, “टैक्स दरों में कमी उपभोक्ताओं के फायदे में है – और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें यही करने के लिए निर्देशित किया है। हम 2017 से लेकर आज तक लगातार ऐसा करते आ रहे हैं।”

केंद्रीय वित्त मंत्री ने आगे कहा, “22 सितंबर से, हमें सभी वस्तुओं के बारे में क्षेत्रीय स्तर से जानकारी मिल रही है। हालांकि, हम 54 उत्पादों की कीमतों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि संशोधित टैक्स ढांचे का लाभ अंतिम उपभोक्ता तक पहुंच रहा है। अगली पीढ़ी के जीएसटी का लाभ सभी 54 वस्तुओं पर पूरी तरह से लागू किया गया है।” वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग, अगली पीढ़ी के जीएसटी ट्रांजिशन फेज ​​के दौरान तय किए गए 54 उत्पादों की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहा है।

अपने उद्घाटन भाषण में, पीयूष गोयल ने 22 सितंबर को अगली पीढ़ी के जीएसटी को लागू करने के साथ इस वर्ष के नवरात्रि को विशेष बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी और वित्त मंत्री जी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस सुधार ने पूरे देश में – आम नागरिकों, औद्योगिक और वाणिज्यिक सेक्टर और परिवारों में – एक नया उत्साह और ऊर्जा का संचार किया है। इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा सुधार बताते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली 140 करोड़ भारतीयों को प्रभावित करती है, और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों कर तरीकों के माध्यम से 2.5 लाख करोड़ रुपये की राहत देने का यह निर्णय अभूतपूर्व और कल्पना से परे है।

गोयल ने इस विषय पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष 1 फरवरी को आयकर में घोषणा की गई बड़ी राहत, बचत को प्रोत्साहित करने और लोगों की डिस्पोजेबल आय बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, वित्त मंत्री बीते डेढ़ वर्ष से व्यापक कर सुधारों पर काम कर रही हैं, जो 3 सितंबर 2025 को घोषित होने के रूप में संपन्न हुई।

गोयल ने कहा कि इन सुधारों का बड़ा प्रभाव निवेश, व्यापार और उद्योग में पहले से ही नजर आ रहा है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी आई है और उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ा है। श्री गोयल ने कहा कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और दैनिक जरूरी वस्तुएं अधिक किफायती हो जाती हैं, तो आपूर्ति और मांग दोनों पक्षों से मिला प्रोत्साहन अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ने में मदद करता है, जो भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है।

अश्विनी वैष्णव ने आज अपने उद्घाटन भाषण में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम में विशेष बढ़ोतरी और खपत, निवेश एवं मैन्युफैक्चरिंग पर जीएसटी सुधारों के सकारात्मक असर पर प्रकाश डाला। मंत्री महोदय ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकॉर्ड उपभोक्ता मांग, नीतिगत स्थिरता और तेजी से बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग बेस के चलते मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रदर्शन जारी रखे हुए है।

वैष्णव ने बताया कि इस साल नवरात्रि के मौसम में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई, जो बीते साल की तुलना में 20-25% अधिक है। सभी प्रमुख खुदरा श्रृंखलाओं ने टेलीविजन और वॉशिंग मशीन से लेकर स्मार्टफोन और एयर कंडिशनर तक, सभी उत्पाद श्रेणियों में अभूतपूर्व मांग दर्ज की है। विशेष रूप से, 85 इंच के टेलीविजन पूरी तरह बिक गए, और कई परिवारों ने अपने उपकरणों को नए मॉडल में अपग्रेड किया, जो उपभोक्ताओं के बढ़ते भरोसे और खरीदने की शक्ति को प्रतिबिंबित करता है।

वैष्णव ने कहा कि जीएसटी सुधारों ने अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक स्थिरता लाई है, विशेष रूप से खाद्य मंहगाई को कम करके मध्यम वर्गीय परिवारों तक लाभ पहुंचाया है। लगातार पिछले चार महीनों में, खाद्य कीमतों में लगभग 2% का अपस्फीतिकारी रुझान देखा गया है, जिससे खरीदने की घरेलू शक्ति को बनाए रखने और उपभोक्ताओं मांग को लगातार बनाए रखने में मदद मिली है।

वैष्णव ने आगे कहा कि मांग में बढ़ोतरी का सीधा असर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में दोहरे अंकों की बढ़ोतरी में दिखा है, जिससे देश भर में 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। भारत ने दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में एक, संयुक्त राज्य अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में भी अपने पड़ोसी देश को पीछे छोड़ दिया है। एक प्रमुख वैश्विक कंपनी अब अपने कुल उत्पादन का 20% भारत में निर्माण करती है, जो देश के एक पसंदीदा वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के तौर पर उभरने को प्रतिबिंबित करता है। जैसे-जैसे मांग बढ़ती है, निवेश बढ़ता है, और बदले में, मांग को और प्रोत्साहन मिलता है – इससे आर्थिक विकास का एक सकारात्मक चक्र निर्मित होता है।

भारत के प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम में एक बड़ी उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए, वैष्णव ने घोषणा की कि दो सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी – सीजी सेमी और काएन्स – में उत्पादन शुरू हो गया है, जो सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का एक महत्वपूर्ण कदम है। इन फैसिलिटी के शुरू होने के साथ, भारत अपने सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में एक नए चरण में प्रवेश कर गया है, जो प्रधानमंत्री जी के तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

वैष्णव ने व्यापक आर्थिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बीते वर्ष भारत की ₹335 लाख करोड़ की जीडीपी में से ₹202 लाख करोड़ खपत से और ₹98 लाख करोड़ निवेश से आए। जीएसटी सुधारों का प्रभाव स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है, क्योंकि इस वर्ष खपत में लगभग 10% की बढ़ोतरी हुई है, जो उपभोक्ता खर्च में ₹20 लाख करोड़ की अतिरिक्त बढ़ोतरी को दिखाता है। इस बढ़ोतरी से निवेश में भी इसी अनुपात में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे विकास की गति बढ़ेगी और यह दिखेगा कि कैसे जीएसटी सुधारों ने अर्थव्यवस्था में खपत और निवेश के बीच संबंध को मजबूत किया है।

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