नई दिल्ली : मंगलवार, अक्टूबर 14, 2025/ मंगोलिया के राष्ट्रपति महामहिम खुरेलसुख उखना आज अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारतीय संसद भवन पहुंचे, जहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मकर द्वार पर उनका हार्दिक अभिनन्दन एवं स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने संसद भवन की स्थापत्य भव्यता, कलात्मक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की सराहना की। साथ ही, प्रतिनिधिमंडल ने नए संसद भवन में भारत की जीवंत लोकतांत्रिक परंपराओं की एक झलक भी देखी।
अपनी बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच सार्थक और सकारात्मक चर्चा हुई। बिरला ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत और मंगोलिया अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच लगातार प्रगाढ़ होती साझेदारी की सराहना की और कहा कि पिछले सात दशकों में आपसी सहयोग बहुआयामी रूप से मजबूत हुआ है। बिरला ने वर्ष 2023 में मंगोलिया की अपनी यात्रा का उल्लेख करते हुए संसदीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में भारत और मंगोलिया की साझा प्रतिबद्धता को दोहराया।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच साझेदारी में रक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं निहित हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि दोनों देशों के संबंध लोकतंत्र, धर्म और विकास (3डी) के साझा सिद्धांतों पर आधारित हैं। साथ ही, उन्होंने भारत और मंगोलिया के बीच गहरे ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को भी रेखांकित किया।
बिरला ने साझी बौद्ध विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं समय से परे हैं, वे न केवल आज भी प्रासंगिक व महत्वपूर्ण हैं, बल्कि मानवता के लिए अत्यंत उपयोगी भी हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध के मूल मंत्र “बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिद्धांत आज भी भारत की लोकनीति (पब्लिक पॉलिसी) को दिशा देने वाला एक मौलिक स्तंभ बना हुआ है। बिरला ने मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना को यह भी बताया कि भारतीय संसद के लोकसभा चैंबर में स्पीकर की कुर्सी के ऊपर विशेष रूप से अंकित धर्म चक्र, भारत की धर्म पर आधारित सुशासन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
बिरला ने नए संसद भवन के बारे में बात करते हुए प्रतिनिधिमंडल को गर्व के साथ यह बताया कि वैश्विक कोविड -19 महामारी जैसी अप्रत्याशित चुनौतियों के बावजूद, इस भवन का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूर्ण हुआ। उन्होंने कहा कि यह भवन केवल ईंट-पत्थर का संकलन नहीं है, बल्कि एक अरब चालीस करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और आशाओं का प्रतीक है। खास बात यह है कि इसमें बौद्ध दर्शन के गहन तत्वों को खूबसूरती से समाहित किया गया है। बिरला ने विशेष रूप से उस गैलरी का उल्लेख किया, जहां पर कालातीत श्लोक “बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि” प्रदर्शित है, जो हमें बुद्ध, धर्म और संघ की शरण में जाने की प्रेरणा देता है। इसके अलावा, वहां पर ऐसी शिक्षाएं भी प्रस्तुत की गई हैं जो हर व्यक्ति को “प्रकाश की तरह बनने” और जीवन में उज्ज्वलता फैलाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
बिरला ने भारत और मंगोलिया के बीच बढ़ते संसदीय जुड़ाव पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के सदनों के बीच नियमित संवाद उनके द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत स्तंभ रहा है। उन्होंने इस परंपरा को और अधिक सुदृढ़ करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। बिरला ने 2023 में मंगोलिया के दौरे के दौरान संसदीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उल्लेख करते हुए मंगोलियाई सांसदों और अधिकारियों को भारत के विश्वस्तरीय पार्लियामेंट्री रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसीज़ (प्राइड) के माध्यम से प्रशिक्षण व क्षमता विकास की पहल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
बिरला ने सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भारत के मजबूत संकल्प पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक स्तर पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व को सशक्त बनाने के लिए हाल के वर्षों में हुए उल्लेखनीय प्रगति का भी जिक्र किया। बिरला ने बताया कि भारतीय संविधान के तहत स्थानीय स्तर की प्रतिनिधि संस्थाओं में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33% आरक्षण अनिवार्य है, जबकि कई राज्यों ने इस आरक्षण को बढ़ाकर 50% तक पहुंचा दिया है। उन्होंने “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” का भी उल्लेख किया, जो नए संसद भवन में लागू किया गया पहला कानून है और यह लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित करता है। बिरला ने इस ऐतिहासिक कानून को महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धता की दिशा में एक सशक्त कदम बताया।
इस अवसर पर, मंगोलिया के राष्ट्रपति माननीय खुरेलसुख उखना ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के 2023 में मंगोलिया के दौरे को याद करते हुए कहा कि बिरला की उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता ने दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग को और अधिक सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति उखना ने भारत को मंगोलिया का “आध्यात्मिक पड़ोसी और एक सच्चा मित्र” बताया। उन्होंने मंगोलिया की विकास यात्रा में भारत की अहम भूमिका को रेखांकित किया। राष्ट्रपति उखना ने भारत को एक तेजी से उभरती आर्थिक शक्ति के रूप में सराहा, जो विश्व भर में शांति एवं स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने ग्लोबल साउथ में भारत की नेतृत्व भूमिका की प्रशंसा करते हुए आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर बहुउद्देश्यीय मंचों पर भारत तथा मंगोलिया के बीच सहयोग की निरंतरता की आशा व्यक्त की।