उपभोक्ताओं की स्वेच्छा को दरकिनार कर थोपे जा रहे स्मार्ट मीटर: जीतू पटवारी

भोपाल : शुक्रवार, जुलाई 18, 2025/ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटरों के कारण बिजली बिलों में असामान्य वृद्धि और उपभोक्ताओं पर जबरन मीटर लगाने की शिकायतों पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने इसे आम जनता के लिए आर्थिक अन्याय करार देते हुए मध्य प्रदेश सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

पटवारी ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की स्वेच्छा पर निर्भर है, लेकिन इसके बावजूद बिजली कंपनियां दबाव बनाकर और जबरन स्मार्ट मीटर लगा रही हैं। पहले जहाँ बिल ₹300 से ₹600 के बीच आते थे, अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद लोग ₹6,000 से ₹20,000 तक के बिल देखकर परेशान हैं। यह ‘स्मार्ट लूट’ का जरिया बन गया है।

उन्होंने प्रमुख समाचार चैनलों द्वारा इस मुद्दे पर की गई रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा स्मार्ट मीटर में ‘ब्लास्ट’ या आग लगने की घटनाएँ भारत के कई शहरों से स्मार्ट मीटरों में आग लगने या उनके फटने की खबरें सामने आई हैं। ये घटनाएँ उपभोक्ताओं के बीच डर और चिंता का कारण बन गई हैं, खासकर जब उनके बिलों में भी भारी वृद्धि हो रही हो।

पटवारी ने कहा हाल ही में, भोपाल के कोलार क्षेत्र में एक नए लगे स्मार्ट मीटर में ब्लास्ट होने की घटना सामने आई है। इस घटना से स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई। जबलपुर के एक सुपर मार्केट की इमारत में लगे कई स्मार्ट मीटरों में अचानक आग लग गई और वे पटाखों की तरह जलने लगे। लोगों का कहना था कि कुछ दिन पहले ही पुराने मीटरों की जगह नए स्मार्ट मीटर लगाए गए थे।

पटवारी ने सरकार और बिजली वितरण कंपनियों पर निशाना साधते हुए कहा स्मार्ट मीटर का उद्देश्य उपभोक्ता सुविधा और पारदर्शिता था, लेकिन सरकार की नाकामी और बिजली कंपनियों की मनमानी ने इसे जनता के लिए बोझ बना दिया है। मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों के नाम और उनकी कार्यप्रणाली को सार्वजनिक करना जरूरी है ताकि जनता को सच पता चले। मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (DISCOMs) के तहत हो रहा है। ये डिस्कॉम्स निम्नलिखित निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं:

अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस (AESL), डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOOT) मॉडल पर स्मार्ट मीटर स्थापना और रखरखाव। सिक्योर मीटर्स लिमिटेड: भारत में स्मार्ट मीटर निर्माण और आपूर्ति में अग्रणी। जेनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड: स्मार्ट मीटर निर्माण और स्थापना में प्रमुख भूमिका। साइकननोड (CyanConnode): लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के साथ मिलकर पश्चिम क्षेत्र में IoT-आधारित स्मार्ट मीटर नेटवर्क स्थापित कर रही है।

इसके अतिरिक्त, विदेशी कंपनियां जैसे EDF India (फ्रांस) और Actis (यूके) भी भारत में स्मार्ट मीटर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही हैं। कुछ तकनीकी घटक जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से आयात किए जा रहे हैं।

पटवारी की मांगें – स्मार्ट मीटर स्थापना में उपभोक्ता की सहमति को अनिवार्य किया जाए और जबरन स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए। स्मार्ट मीटरों की रीडिंग, तकनीकी खामियों और बिलिंग प्रक्रिया की स्वतंत्र और उच्च-स्तरीय जांच हो। असामान्य रूप से बढ़े बिलों को तत्काल रद्द कर वास्तविक खपत के आधार पर नए बिल जारी किए जाएं। जांच पूरी होने तक उपभोक्ताओं पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न हो। स्मार्ट मीटर लगाने में शामिल सभी कंपनियों के नाम, उनकी कार्यप्रणाली और ठेके सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराए जाएं।

पटवारी ने चेतावनी देते हुए कहा यदि सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं किया और स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों की जवाबदेही तय नहीं की, तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरेगी और इस अन्याय के खिलाफ व्यापक आंदोलन करेगी।

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